भारत की बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया के शेयरों में हाल ही में लगभग 4 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह गिरावट कंपनी की एक अहम कानूनी सुनवाई से जुड़ी खबर के कारण हुई है। वोडाफोन आइडिया ने भारतीय सुप्रीम कोर्ट में ऐसा एक मामला दर्ज कराया है, जिसमें वह सरकार से 9450 करोड़ रुपये की अतिरिक्त रकम की मांग को चुनौती दे रही है। इस मामले की सुनवाई अब 13 अक्टूबर 2025 को होगी।
आइडिया कंपनी और AGR केस क्या है?
AGR यानी एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू, वह रकम होती है जिस पर टेलीकॉम कंपनियां सरकार को लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग का पैसा देती हैं। वोडाफोन आइडिया पर सरकार ने 9450 करोड़ रुपये की अतिरिक्त AGR रकम देने को कहा है। कंपनी का कहना है कि यह मांग पुरानी अवधि की है जिसे पहले सुप्रीम कोर्ट ने निपटा दिया था। इसलिए कंपनी इस मांग को गलत मानती है और अदालत से इसे रद्द करने की मांग कर रही है।
सुनवाई टली, अब 13 अक्टूबर को होगी
5 अक्टूबर 2025 को होने वाली सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने टाल दिया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार की और से समय की मांग को मंजूरी दी। इस वजह से सुनवाई अब 13 अक्टूबर को होगी। केंद्र सरकार के वकील और कंपनी के वरिष्ठ अधिवक्ता दोनों ने इस पुनर्निर्धारित तारीख पर सहमति जाहिर की है।
वोडाफोन आइडिया की वित्तीय हालत
कंपनी ने बताया है कि इस भारी रकम की मांग से उसकी आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ सकता है। वोडाफोन आइडिया अभी भी नेटवर्क सुधार और 5G सेवाओं को लेकर निवेश में लगा हुआ है। यदि यह मुकदमा निपट नहीं पाया तो कंपनी की नकदी और कर्ज चुकाने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। इसके कारण कंपनी के कर्मचारियों और लगभग 1.98 करोड़ ग्राहक भी प्रभावित हो सकते हैं।
बाजार में शेयरों की प्रतिक्रिया
सुनवाई टलने की खबर के बाद वोडाफोन आइडिया के शेयर गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। बीएसई में कंपनी का शेयर करीब 4 प्रतिशत नीचे आ गया है और इसका दाम अब 8.35 रुपये के आसपास है। यह गिरावट निवेशकों की चिंता को दर्शाती है क्योंकि कोर्ट के फैसले का असर कंपनी के भविष्य पर पड़ेगा।
सरकार की हिस्सेदारी
वोडाफोन आइडिया में सरकार की करीब 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यह हिस्सेदारी लोन के इकेवटी में बदले जाने के बाद बढ़ी है। हालांकि, सरकार इस कंपनी की प्रमोटर नहीं बनी है। सरकार कंपनी की मदद से इस केस का समाधान निकालने की कोशिश कर रही है।
निष्कर्ष
वोडाफोन आइडिया का AGR मामला लंबे समय से कोर्ट में चल रहा है और इस फैसले का कंपनी पर बड़ा असर होगा। अब सुनवाई अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में होगी और बाजार इस पर नजऱ बनाए हुए है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे इस केस के परिणाम और कंपनी की स्थिति को ध्यान में रखकर ही कोई निवेश निर्णय लें।
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डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी समाचार स्रोतों पर आधारित है। कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।







