रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) का शेयर भाव कभी ₹785 रहा, लेकिन आज यह गिरकर सिर्फ ₹1.45 पर ट्रेड कर रहा है, जो भारत के टेलीकॉम उद्योग में गिरावट की और्सबसे बड़ी मिसाल बन गया है।
कंपनी की मौजूदा हालत और शेयर प्राइस
- 19 सितंबर 2025 तक RCom का शेयर ₹1.45 पर रहा, जबकि इसका 52-वीक हाई ₹2.58 और लो ₹1.26 रहा है।
- मार्केट कैप 398-401 करोड़ रुपये के आसपास है, जो कभी हजारों करोड़ में थी।
- पिछला एक साल शेयर के लिए हानिकारक रहा है, निवेशकों को -27% सालाना रिटर्न देखने को मिला है।
कर्ज, दिवाला और ‘फ्रॉड’ घोटाला
RCom पर कर्ज की रकम 40,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है और कंपनी 2019 से ही कॉर्पोरेट इंसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (CIRP) में है, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ इंडिया ने RCom व प्रमोटर्स के लोन खातों को ‘फ्रॉड’ घोषित किया है, आरोप है कि 2016 में मिले लोन फंड्स का गलत इस्तेमाल हुआ, फंड्स को फिक्स्ड डिपॉजिट्स में डाइवर्ट किया गया, जिससे बैंकिंग नीतियों का उल्लंघन हुआ।
जांच एजेंसियों की कार्रवाई
- CBI ने SBI की शिकायत पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया और मुंबई में अनिल अंबानी के घर और RCom दफ्तर पर छापे मारे हैं।
- RBI के नियमों के तहत फ्रॉड टैग लगने के बाद कंपनी को आगे क्रेडिट मिलना प्रतिबंधित हो गया है और बैंक रिकवरी प्रॉसेस के लिए स्वतंत्र हैं।
प्रमोटर और शेयरहोल्डिंग
कंपनी में प्रमोटर होल्डिंग सिर्फ 0.77% रह गई है, पब्लिक के पास 98% से ज्यादा हिस्सेदारी है, जिससे आम निवेशकों का नुकसान सबसे ज्यादा है, लगातार गिरते भाव के कारण RCom शेयर रखने वाले लॉन्ग टर्म निवेशकों को काफी नुकसान हुआ है।
ताजातरीन बैठक और भविष्य
18 सितंबर 2025 को कंपनी की 65वीं कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स की बैठक हुई, जिससे इशारा मिलता है कि इंसॉल्वेंसी प्रॉसेस अभी भी जारी है, कंपनी ने लगातार चौथी तिमाही में विशाल घाटा रिपोर्ट किया है और उसका कुल घाटा 2,560 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
Reliance Communications की ताजा वित्तीय स्थिति
रिलायंस कम्युनिकेशंस की मौजूदा वित्तीय स्थिति काफी कमजोर और चुनौतीपूर्ण है। कंपनी लंबे समय से दिवाला (Insolvency) प्रक्रिया से गुजर रही है, भारी कर्ज के दबाव और गिरते रेवेन्यू के चलते इसकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई है।
कंपनी के प्रमुख वित्तीय आँकड़े
- 2025 में कंपनी की बाजार पूंजी करीब 400 करोड़ रुपये के आसपास है, जो पिछले वर्षों में बड़ी गिरावट दिखाता है।
- कुल रेवेन्यू में लगातार गिरावट रही है। ताजा सालाना रेवेन्यू लगभग 345 करोड़ रुपये रहा।
- पिछले साल कंपनी का कुल घाटा करीब 9,700 करोड़ रुपये तक पहुँच गया।
- कंपनी पर करीब 46,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है और प्रमोटर की हिस्सेदारी बहुत सीमित है।
- पिछले पाँच वर्षों में कंपनी की बिक्री दर में औसतन 26% की गिरावट आई है।
- कंपनी की ऋण चुकाने और संचालन क्षमता अत्यंत कमजोर है।
- रेवेन्यू के मुकाबले खर्च काफी अधिक हैं, जिससे नगण्य मुनाफा या भारी घाटा बना रहता है।
निष्कर्ष
Reliance Communications के वित्तीय प्रदर्शन और भविष्य की संभावनाओं को देखें तो अगले कुछ वर्षों में इसमें सुधार या नई वृद्धि के आसार बेहद कम हैं। निवेशकों को सुझाया जाता है कि वे इस स्टॉक में निवेश से पहले बहुत सावधानी और विस्तृत विश्लेषण करें।
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